गाजियाबाद में जाली नोट छापने की फैक्ट्री का पता चला


पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में जाली नोटों का संचालन करने वाले जाली नोटों के गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। इसी के तहत इस रैकेट का भंडाफोड़ करने की रणनीति बनाई गई।



नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने गाजियाबाद में एक कारखाने का पता लगाया है जहां जाली भारतीय मुद्रा नोट (एफआईसीएन) छापे जा रहे थे। इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। तीनों आरोपियों की पहचान आशीष जैन, राजपाल उर्फ राजू और अजीम अहमद के रूप में हुई है।

पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में जाली नोटों का संचालन करने वाले जाली नोटों के गिरोह के बारे में सूचना मिली थी। इसी के तहत इस रैकेट का भंडाफोड़ करने की रणनीति बनाई गई।

19 मई को सूचना मिली थी कि आशीष नाम का एक व्यक्ति जाली करेंसी की आपूर्ति करने के लिए पहला पुश्ता, न्यू उस्मानपुर के पास आएगा।

इसके बाद पुलिस टीम का गठन किया गया जिसने जाल बिछाकर आरोपी जालसाज को गिरफ्तार कर लिया। उसकी तलाशी लेने पर 1.5 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए।

आरोपी आशीष के कहने पर उसके सहयोगी राजपाल को गिरफ्तार किया गया और उसके कहने पर 3.13 लाख रुपये का एफआईसीएन, 50 बिना काटे प्रिंटेड एफआईसीएन शीट (कार्यालय से 30 शीट और आई10 कार से 20 शीट, प्रत्येक शीट पर 15 एफआईसीएन का प्रिंट युक्त) कुल मूल्य का था। 3.75 लाख रुपये का एफआईसीएन, ट्रोनिका सिटी, गाजियाबाद स्थित उनके कार्यालय से बरामद किए गए। साथ ही एक स्कैनर, तीन सीपीयू भी मिले।

तीसरा आरोपी अजीम ट्रोनिका सिटी स्थित उसकी फैक्ट्री से पकड़ा गया।  पुलिस ने बताया कि इसके अलावा एफआईसीएन की छपाई में इस्तेमाल स्याही की 40 पेटी भी बरामद की गई है।

आरोपी व्यक्ति विशेष स्याही और औजारों का उपयोग करके जाली नोट छापने के लिए डाई और ऑफसेट प्रिंटिंग मशीन का उपयोग कर रहे थे। जाली नोट छापने के बाद उक्त आरोपी ग्राहकों को निशाना बनाने के लिए 1 असली नोट के बदले 3 जाली नोट देता था।



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