वाशिंगटन। अमेरिका ने कोविड-19 प्रतिरोधी टीके एस्ट्राजेनेका की छह करोड़ खुराकें उपलब्ध होने पर उन्हें दुनिया के दूसरे देशों के साथ साझा करने योजना बनाई है। अमेरिकी सर्जन जनरल डॉक्टर विवेक मूर्ति ने यहां यह जानकारी दी।
दुनियाभर में एस्ट्राजेनेका टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है, हालांकि अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने अभी इसे मंजूरी नहीं दी है।
मूर्ति ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘अमेरिका दुनिया के दूसरे देशों के साथ कोविड-19 टीका एस्ट्राजेनेका साझा करने की घोषणा करता है। छह करोड़ खुराकें उपलब्ध होने पर उन्हें साझा किया जाएगा।’
NEW: U.S. announces plan to share AstraZeneca #COVID19 vaccine doses with the world. 60 million doses to be shared as they become available.
Global pandemics require global cooperation.
— Dr. Vivek Murthy, U.S. Surgeon General (@Surgeon_General) April 26, 2021
कोविड प्रबंधन को लेकर व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार एंडी स्लेविट ने भी ऐसा ही ट्वीट किया है।
पिछले महीने, व्हाइट हाउस ने टीके की लगभग चार करोड़ खुराकें कनाडा और मेक्सिको के साथ साझा की थीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने स्पष्ट किया कि आगामी कुछ सप्ताह में ये खुराकें उपलब्ध होंगी।
उन्होंने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘स्पष्ट किया जाता है कि फिलहाल हमारे पास एस्ट्राजेनेका टीके की खुराकें उपलब्ध नहीं हैं।’
साकी कहा, ‘ हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि एफडीए को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये समीक्षा की जरूरत क्यों पड़ी। हम एफडीए की मंजूरी मिलने के बाद लगभग एक करोड़ खुराकें तैयार होने की उम्मीद करते हैं। अगले कुछ सप्ताह में ऐसा हो सकता है। अभी नहीं। ‘
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पांच करोड़ खुराकें उत्पादन के विभिन्न चरणों में हैं। इनके मई और जून तक सभी चरण पूरे करने की उम्मीद है।
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य तथा कोरोना वायरस संकट को लेकर सदन की उप प्रवर समिति के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने बयान जारी कर भारत, अर्जेन्टीना और अन्य अत्यधिक प्रभावित देशों के साथ इन टीकों को साझा करने की जरूरत पर जोर दिया, जहां कोविड-19 मामलों में भारी और घातक वृद्धि देखी गई है।
वहीं, अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन टाइ ने एस्ट्राजेनेका और फाइजर के नेतृत्व के साथ डिजिटल बैठक कर उत्पादन बढ़ाने और कोविड-19 महामारी के लिये बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं (टीआरआईपीएस) को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समझौते के कुछ प्रावधानों में छूट का प्रस्ताव रखा।
अमेरिका अभी तक डब्ल्यूटीओ में भारत और दक्षिण अफ्रीका के इस कदम को लेकर गैर-प्रतिबद्ध रहा है।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को पत्रकारों से कहा कि अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने बाइडन प्रशासन से डब्ल्यूटीओ में इस कदम का समर्थन करने आग्रह किया है ताकि कोविड-19 टीकों को टीआरआईपीएस में छूट मिल सके।
भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने पीटीआई से कहा, ‘अमेरिका में टीकाकरण जारी है लेकिन 100 से अधिक देश अपनी आबादी को टीके लगाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं, हम खड़े रहकर सबकुछ नहीं देख सकते। हमें दूसरे देशों को लाइसेंस देने के लिये फाइजर और मॉडर्ना पर दबाव बढ़ाना चाहिए ताकि वे देश भी टीकों का विकास कर सकें।’