कोविड-19 रोधी छह टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक सुरक्षित, प्रतिरोधक क्षमता बनाने में कारगर : लैंसेट अध्ययन


कोविड-19 रोधी एस्ट्राजेनेका और फाइज़र टीकों की दो खुराक लेने वाले लोगों के लिए कोविड-19 रोधी छह विभिन्न टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक (तीसरी खुराक) कारगर साबित हो सकती है।


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नई दिल्ली। कोविड-19 रोधी एस्ट्राजेनेका और फाइज़र टीकों की दो खुराक लेने वाले लोगों के लिए कोविड-19 रोधी छह विभिन्न टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक (तीसरी खुराक) कारगर साबित हो सकती है। यह ‘बूस्टर’ खुराक सुरक्षित होगी और अधिक प्रतिरोधक क्षमता प्रदान कर पाएगी। ‘द लैंसेट’ पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि एस्ट्राजेनेका और फाइज़र टीकों की दो खुराक लेने के छह महीने बाद संक्रमित हुए मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने और उससे मौत से क्रमश: 79 प्रतिशत और 90 प्रतिशत सुरक्षा मिली। वैसे, समय के साथ टीकों की संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा कम हो जाती है, जिस कारण ही स्वास्थ्य सेवाओं ने ‘बूस्टर’ यानी अतिरिक्त खुराक देने पर विचार किया है।

नए अध्ययन में सात टीकों को तीसरी खुराक यानी ‘बूस्टर शॉट’ के तौर पर दिए जाने को लेकर उनके सुरक्षित होने, प्रतिरक्षा प्रदान करने और उसके दुष्प्रभाव पर गौर किया गया। एस्ट्राजेनेका, फाइज़र-बायोएनटेक, नोवेक्स, जैनसन, मॉडर्ना, वलनेवा और क्योरवैक के टीकों पर यह अध्ययन किया गया।

‘यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल साउथेम्प्टन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट’ के प्रोफेसर शाऊल फॉस्ट ने कहा, ‘‘ सभी सात टीके तीसरी खुराक के रूप में उपयोग करने के लिए सुरक्षित हैं। वैसे टीका लगाने के स्थान पर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान जैसे कुछ आम लक्षण बाद में दिख सकते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एस्ट्राजेनेका की दो खुराक के बाद सभी सात टीकों की ‘बूस्टर’ खुराक देने पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी (स्पाइक प्रोटीन इम्यूनोजेनेसिटी), जबकि फाइजर-बायोएनटेक की दो खुराक लेने के बाद केवल एस्ट्राजेनेका, फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्न, नोवावैक्स, जेनसेन और क्योरवैक की ‘बूस्टर’ खुराक लेने पर ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी।’’

अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि ये परिणाम केवल ‘बूस्टर’ खुराक और 28 दिनों बाद बनी प्रतिरोधक क्षमता से संबंधित है।