भारतीय मूल की कमला हैरिस बनीं अमेरिका की पहली उप-राष्ट्रपति, जानिए अब तक का सफर


पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, ‘हार्दिक बधाई कमला हैरिस! आपकी जीत सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन और नेतृत्व से भारत-अमेरिका संबंध और भी मजबूत होंगे।’


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
विदेश Updated On :

अमेरिका। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद जो बाइडेन अब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन चुके हैं और इस खुशी में सोशल मीडिया पर दुनियाभर से लोग उन्हें बधाईयां दे रहे हैं। इसी के साथ ही अमेरिका को पहली बार कमला हैरिस के रूप में पहली महिला उप-राष्ट्रपति मिली है। जिसके बाद से ही भारत में जो बाइडेन से ज्यादा कमला हैरिस की चर्चाएं हो रहीं हैं।

जिन्हें देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी के साथ-साथ कई बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर बधाईयां दीं। पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, ‘हार्दिक बधाई कमला हैरिस! आपकी जीत सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन और नेतृत्व से भारत-अमेरिका संबंध और भी मजबूत होंगे।’

ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है कि कौन हैं कमला हैरिस और कैसा रहा उनका अब तक का सफर ?

कमला हैरिस भारतीय मां और जमैकाई पिता की बेटी हैं। उनकी मां श्यामला गोपालन कैंसर शोधकर्ता थी, जो चैन्नई के नागरिक अधिकार कार्यकर्ता थीं। वहीं उनके पिता डॉनाल्ड हैरिस स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स के प्रोफेसर थे। कमला का जन्म 1964 में ऑकलैंड में हुआ था और उनके जन्म के सात साल बाद ही उनके माता-पिता का तलाक हो गया था।

अपने पति से अलग होने के बाद श्यामला ने अपनी भारतीय संस्कृति को अपनाया, लेकिन गर्व से अफ्रीकी-अमेरिकी जीवन जीतीं रहीं। वहीं तलाक के बाद श्यामला ने कमला और उनकी छोटी बहन का पालन-पोषण किया। कमला अपनी मां के साथ भारत भी आती रहीं।

कमला हैरिस ने अपनी आत्मकथा ‘THE TRUTHS WEE HOLD’ लिखा था कि, उनकी मां यह जानती थीं कि वह दो अश्वेत लड़कियों का पालन अमेरिकी जमीन पर कर रहीं हैं। जिन्हें अमेरिका में प्रवासी की तरह ही देखा जाएगा, लेकिन फिर भी वह तीनों आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहे।

मजबूती से खुद को संवारती कमला ने हॉवर्ड में 4 साल की पढ़ाई पूरी की। जिसके बाद उन्होंने हेस्टिंग में कानून की डिग्री हासिल की। डिग्री हासिल होने के बाद सैन फ्रांसिस्को डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी ऑफिस में अपने करियर का शुरुआत की और फिर यहीं से शुरु किया कमला ने अपने सपनों का सफर, जिसे वह धीरे-धीरे हकीकत में बदलती चलीं गईं।

कमला ने साल 2017 में कैलिफोर्निया से संयुक्त राज्य सीनेटर के रूप में शपथ ली थीं। वो ऐसा करने वाली दूसरी अश्वेत महिला थीं। इसके बाद उन्होंने होमलैंड सिक्योरिटी एंड गवर्नमेंट अफेयर्स कमेटी, इंटेलिजेंस पर सेलेक्ट कमेटी, ज्यूडिशियरी कमेटी और बजट कमेटी में भी काम किया।

इसके साथ ही कमला हैरिस अपने भाषणों को लेकर धीरे-धीरे लोगों के बीच पॉप्युलर होती चलीं गईं। कमला हमेशा से ही सिस्टमेटिक नस्लवाद को ख़त्म करने की बात करती आईं हैं और उन्हें ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान के दौरान काफी समर्थन मिला था।

आपको बता दें कि हैरिस ने 21 जनवरी, 2019 को 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी खुद की उम्मीदवारी का ऐलान किया था, लेकिन फिर खुद ही 3 दिसंबर को इस दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया और उसके बाद से कमला बाइडेन की मुखर समर्थक बन गईं, लेकिन अपने बेहतरीन काम के चलते उन्होंने उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया। वहीं कमला हैरिस की इस जीत ने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।