श्रीलंका के संविधान में 21वां संशोधन सोमवार को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा


संविधान में 21वें संशोधन से 20 ए प्रावधान के रद्द होने की संभावना है जो 19वें संशोधन के निरस्त होने के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को असीमित शक्तियां देता है। 19वें संशोधन में संसद को राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां दी गई थीं…


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कोलंबो। श्रीलंका के न्याय मंत्री ने कहा है कि संविधान में 21वां संशोधन मंजूरी के लिए सोमवार को मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएग, जिससे संकट से घिरे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की निरंकुश शक्तियों पर लगाम लगाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। मीडिया में रविवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।

संविधान में 21वें संशोधन से 20 ए प्रावधान के रद्द होने की संभावना है जो 19वें संशोधन के निरस्त होने के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को असीमित शक्तियां देता है। 19वें संशोधन में संसद को राष्ट्रपति से अधिक शक्तियां दी गई थीं।

‘न्यूज फर्स्ट’ समाचार पोर्टल ने न्याय मंत्री डॉ. विजयदास राजपक्षे के हवाले से बताया कि इस संशोधन से दोहरी नागरिकता वाले सांसदों के लिए संसद में बने रहना असंभव हो जाएगा।

देश की अर्थव्यवस्था चरमराने के चलते इस्तीफे की मांग का सामना कर रहे राष्ट्रपति गोटबाया ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से पहले अप्रैल 2019 में अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी।

खबर में कहा गया है कि मौजूदा स्वतंत्र आयोगों के अलावा राष्ट्रीय लेखा-जोखा आयोग और खरीद आयोग के संबंध में भी स्वतंत्र आयोग के तौर पर संशोधन किया जाएगा।

विजयदास राजपक्षे ने कहा कि संविधान में 21वें संशोधन से मौजूदा आयोग की शक्तियां और मजबूत हो जाएंगी।

मंत्री ने कहा कि नए संशोधन में केंद्रीय बैंक के गवर्नर की नियुक्ति संवैधानिक परिषद के तहत लाने का भी प्रस्ताव है।

गौरतलब है कि राजपक्षे परिवार ने अगस्त 2020 में आम चुनाव में भारी जीत के बाद सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली थी। उसने राष्ट्रपति की शक्तियों को बहाल करने तथा अहम पदों पर परिवार के करीबी सदस्यों को नियुक्त करने के लिए संविधान में संशोधन किया था।



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