
लखनऊ। प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस को एक हजार बसें चलवाने की अनुमति मिलने और यूपी सरकार को बसों की सूची सौंपने के बाद इस मामले में नया मोड़ आया है। कांग्रेस का कहना है कि यू पी सरकार ने बसों को नोएडा, गाजियाबाद के बजाय लखनऊ में हैंडओवर करने को कहा है।
यूपी कांग्रेस की ओर से जारी एक ट्वीट में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के संग्लन पत्र में यूपी सरकार के मंशा पर सवाल उठाया गया है। यह पत्र सोमवार देर रात में यूपी के गृह अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी को लिखा गया है। प्रियंका गांधी के कार्यालय की ओर से जारी इस पत्र में कहना है कि यूपी सरकार के एक अधिकारी की ओर से सोमवार रात 11.40 बजे ईमेल पर आकस्मिक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें हमसे 1000 बसें (तमाम दस्तावेजों सहित) लखनऊ में सुबह 10 बजे हैंडओवर करने की अपेक्षा की गई।
कांग्रेस का कहना है कि यह मांग राजनीति से प्रेरित है। जबकि मजदूर दिल्ली-यूपी बार्डर गाजियाबाद और नोएडा में फंसे हैं। हमारी मांग, गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से 500-500 बसों को चलाने की है। यूपी सरकार से कहना चाहते हैं कि इसके लिए दोनों जगहों पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो संपर्क स्थापित कर यूपी के श्रमिक भाई-बहनों को प्रदेश के विभिन्न गंतव्यों तक पहुंचाने में मदद कर सकें।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जी के कार्यालय द्वारा लिस्ट भेजे जाने के बाद यूपी सरकार द्वारा देर रात एक असंवेदनशील पत्र कार्यालय में भेजा गया। श्रमिक नोएडा, गाजियाबाद में फंसे हैं। लेकिन यूपी सरकार ने बसें लखनऊ मंगाई हैं। प्रियंका जी के कार्यालय से पत्र का जवाब भेज दिया गया। pic.twitter.com/QWdtWOl08U
— UP Congress (@INCUttarPradesh) May 18, 2020