राफेल में दलाली के मामले में माकपा नए केंद्र पर लगाया आरोप, सौदे के जांच की मांग

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नई दिल्ली। माकपा ने राफेल सौदे में विमान कंपनी द्वारा एक ‘बिचौलिये’ को 11 लाख यूरो का भुगतान किए जाने के दावे संबंधी फ्रांसीसी मीडिया की एक खबर को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा तथा युद्धक विमान के लिए हुए करार की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। भाजपा ने फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप को निराधार बताया है।

माकपा पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा, एक फ्रांसीसी मीडिया पोर्टल में हालिया रहस्योद्घाटन हुआ कि 36 राफेल जेट खरीदने के लिए सौदे में एक ‘बिचौलिए’ को 10 लाख यूरो का भुगतान किया गया। इससे राफेल सौदे में एक बार फिर से रिश्वत और अन्य अवैध भुगतान का मुद्दा सामने आया है।

रिपोर्ट निर्माता कंपनी दसॉंल्ट के खाते के विश्लेषण पर आधारित है। पार्टी ने कहा, राफेल सौदे की जांच का आदेश देने से नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इनकार करने से संदेह पैदा होता है कि इस मामले में कुछ गड़बड़ी है। कैग की ऑडिट रिपोर्ट स्पष्टतया अवैध भुगतान के मुद्दे को नहीं देख सकती है।

माकपा ने इसने पहले के आदेश को रद्द किए जाने तथा 36 लड़ाकू विमानों के लिए नए सिरे से आदेश जारी करने के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। फ्रेंच पोर्टल मीडियापार्ट के अनुसार, उसकी रिपोर्ट देश की भ्रष्टाचार-रोधी एजेंसी एएफए की उस जांच पर आधारित है जिसमें पाया गया है कि इस सौदे के बाद विमान कंपनी ने भुगतान किया था। रिपोर्ट के अनुसार निर्माता कंपनी एएफए के सवालों का जवाब नहीं दे सकी।



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