
गुरुग्राम। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि प्रदेश की मनोहर सरकार एक साल में भी कोरोना से लड़ने के माकूल बंदोबस्त नहीं कर पाई। कोरोना के मरीजों के बचाव को लेकर व्यवस्थाओं के नाम पर प्रदेश की जनता को सरकार केवल गुमराह कर रही है। भयावह स्थिति होने के बावजूद भी अस्पतालों में ना बेड है ना वेंटिलेटर है और ना ही ऑक्सीजन।
प्रदेश में प्रतिदिन 6 से 7 हजार के करीब नए मरीज सामने आ रहे हैं। गुरुग्राम की ही बात करें तो प्रदेश में सबसे अधिक मामले गुरुग्राम में सामने आ रहे हैं जबकि पूरे गुरुग्राम के अस्पतालों में महज 200 बेड की ही व्यवस्था है। कोरोना संकट के बीच अस्पतालों में व्यवस्थाएं नाकाफी होती जा रही है। गुरुग्राम जैसे हाईटेक शहर में ये हालत है तो दूसरे शहरों की व्यवस्था का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। दूसरे शहरों से मिल रही सूचनाओं के आधार पर वहां तो और भी बुरा हाल है। गुरुग्राम के निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी साफ देखी जा सकती है।
जिले में अब 103 ऑक्सीजन और 4 ही आईसीयू बचे हैं। जिले में महज एक वेंटिलेटर ही उपलब्ध है। बेड की कमी की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है। प्राइवेट अस्पताल सरकार से लगातार ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन या जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना को लेकर सरकार की क्या तैयारियां हैं? लोगों को बेहतर व्यवस्था देने की वजह सरकार कोरोना के नाम पर लोगों को प्रताड़ित करने पर तुली है।
राव ने कहा कि अपने फायदे के लिए सरकार लॉकडाउन ना लगा कर कर्फ्यू से काम चला रही है। जबकि सरकार को चाहिए कि पड़ोसी राज्यों दिल्ली, राजस्थान की भांति ही प्रदेश में लॉकडाउन की व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी से लगता हुआ प्रदेश है। प्रदेश के चारों ही पड़ोसी राज्यों में स्थिति भयंकर और भयावह है।
हरियाणा में भी दिनोंदिन हालत बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकार को बेहतर से बेहतर बंदोबस्त करने चाहिए थे। इसके उलट सरकार लोगों को राम भरोसे छोड़ महज बयानबाजी करने में जुटी है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों से सरकार मान्यता के नाते आंदोलन खत्म करने की मांग कर रही है जबकि सरकार ने कहीं भी आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक अपनी मान्यता या संवेदना जाहिर नहीं की।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सड़कों पर बैठे 300 से ज्यादा किसान आंदोलन में अपनी शहादत दे चुके हैं लेकिन शहीद किसानों के प्रति सरकार ने अभी तक एक शब्द तक संवेदना का नहीं कहा। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार कोरोना जैसी महामारी में भी प्रदेश की जनता को लेकर कितनी गंभीर है?