आम लोगों को 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करा चुकी है जन आरोग्य योजना


आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या 18 अगस्त, 2021 को 2 करोड़ हो गई।


शिवांगी गुप्ता शिवांगी गुप्ता
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आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या 18 अगस्त, 2021 को 2 करोड़ हो गई। इससे इन लोगों को 25,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। इस योजना को 23 सितंबर, 2018 को माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची से लॉन्च किया था।

जिन 2 करोड़ लोगों को इस योजना के तहत अस्पताल में भर्ती कराके इलाज कराया गया है, उन्हें 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई गई हैं। PM-JAY दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके लाभार्थियों की संख्या 55 करोड़ से अधिक है। इस योजना के 16.50 करोड़ आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं। इस योजना के तहत इम्पैनल्ड अस्पतालों की संख्या 23,000 हो गई है। इनमें से 40 प्रतिशत निजी अस्पताल हैं।

इस योजना को लॉन्च करते वक्त प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस योजना के जरिए हम एक ऐसा भारत बनाना चाहते हैं, जहां हर नागरिक स्वस्थ्य हो और स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च नागरिकों पर बोझ न बने।भारत की स्थिति यह है कि इलाज पर अपने जेब से होने वाले खर्च की वजह से हर साल 6 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे चले जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना वरदान की तरह है।

अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने वाले लाभार्थियों की संख्या 2 करोड़ पर पहुंचने के अवसर पर नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने काफी पहले अंत्योदय की परिकल्पना की थी। इसके तहत वे कहते थे कि समाज में सबसे निचले पायदान पर जो व्यक्ति है, हमें उसकी सेवा करने के भाव से काम करना चाहिए। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के मूल में यही भावना है।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह जानकारी दी, ‘जिन 2 करोड़ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराके इस योजना के तहत इलाज हुआ है, उनमें से कई ऐसे लोग थे जो ऐसी बीमारियों का सामना कर रहे थे जिनमें जान भी जा सकती थी। इस योजना ने बहुत सारे लोगों को नया जीवन दान देने का काम किया है।’

इस अवसर पर मांडविया ने कहा, ‘आम तौर पर देखा गया है कि हेल्थकेयर पर होने वाला खर्च सामान्य परिवारों पर बहुत बड़ा बोझ बन जाता है। गरीब परिवारों के लोगों को इलाज के लिए कर्ज लेना पड़ता है। महिलाओं को अपना जेवर गिरवी रखना पड़ता है। हम सबने देखा-सुना होगा कि लोगों को इलाज के लिए अपनी जमीन-जायदाद तक बेचनी पड़ती है। जिंदगी भर की बचत एक झटके में बीमारी छिन लेती है। प्रधानमंत्री जी की पहल पर शुरू हुई इस योजना ने ऐसे लोगों का दुख-दर्द दूर करने का काम किया है।’

इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ‘आयुष्मान अधिकार पत्र’ लॉन्च किया गया। यह लाभार्थियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके तहत जब लाभार्थी अस्पताल में भर्ती होने जाएंगे तो उस वक्त ही उन्हें उनके अधिकारों और सुविधाओं के बारे में पता चल जाएगा।

इसी कार्यक्रम में मांडविया ने ‘आयुष्मान अभिनंदन पत्र’ भी लॉन्च किया। इसके जरिए लाभार्थियों से सीधा फीडबैक मिल पाएगा। मांडविया ने कहा कि हमें अभी इस योजना को और आगे लेकर जाना है और इसे जन भागीदारी से एक जन आंदोलन बनाना है।



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