
तोक्यो। तोक्यो खेलों में भारतीय निशानेबाज मनीष नरवाल ने पैरालम्पिक रिकॉर्ड के साथ देश की झोली में तीसरा स्वर्ण पदक डाला और इसी के साथ सिंहराज अडाना ने रजत पदक जीता। जिससे पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच 1 स्पर्धा में शीर्ष दोनों स्थान भारत के नाम रहे ।
इस वर्ग में विश्व रिकॉर्डधारी उन्नीस वर्ष के नरवाल ने पैरालम्पिक का रिकॉर्ड बनाते हुए 218 . 2 स्कोर करके अपने पहले ही खेलों में पीला तमगा जीता। स्वर्ण जीतने के बाद उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बहुत खुश हूं ।’’
पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले मनीष नरवाल और सिंहराज सिंह अडाना की तारीफ करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि, ‘‘तोक्यो पैरालम्पिक में जीत का सिलसिला जारी है । युवा और बेहद प्रतिभाशाली मनीष नरवाल की शानदार उपलब्धि । उनका स्वर्ण पदक भारतीय खेलों के लिये खास पल है । उन्हें बधाई और भविष्य के लिये शुभकामना।’’
Glory from the Tokyo #Paralympics continues. Great accomplishment by the young and stupendously talented Manish Narwal. His winning the Gold Medal is a special moment for Indian sports. Congratulations to him. Best wishes for the coming times. #Praise4Para. pic.twitter.com/gGHUXnetWA
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
वहीं पी1 पुरूषों की एस मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में मंगलवार को कांस्य जीतने वाले 39 वर्ष के अडाना ने 216 . 7 अंक बनाकर रजत पदक अपने नाम किया । इसके साथ ही अडाना एक ही खेलों में दो पदक जीतने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो गए। जिनकी जीत की खुशी में पीएम मोदी ने उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है।
The outstanding Singhraj Adhana does it again! He wins yet another medal, this time in the Mixed 50m Pistol SH1 event. India rejoices due to his feat. Congrats to him. Wishing him the very best for the future endeavours. #Paralympics #Praise4Para. pic.twitter.com/EWa9gCRaor
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
नरवाल का परिवार 2016 में उन्हें पास की एक निशानेबाजी रेंज में ले गया और वह तुरंत इस खेल की ओर आकृष्ट हुए । वह नियमित अभ्यास करते रहे लेकिन उस समय उन्हें पैरालम्पिक खेलों के बारे में नहीं पता था । कोच जयप्रकाश नौटियाल ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्होंने 2017 बैंकाक विश्व कप में पी1 एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में व्यक्तिगत वर्ग का स्वर्ण जीता ।
वहीं अपनी जीत पर अडाना ने कहा ,‘‘ आज फाइनल बहुत कठिन था । जब मैं तीसरे स्थान पर था तो मैने खुद से कहा कि सिंहराज अच्छा प्रदर्शन, रूको, सांस लो, रूको , ओके । एक शॉट , बस एक शॉट । कोई और बात मेरे दिमाग में चल ही नहीं रही थी ।’’ फाइनल में पहनी हैट के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘यह मेरी पत्नी ने मुझे तोहफे में दी थी और मेरे लिये लकी है ।’’
निशानेबाज अवनि लेखरा ने मौजूदा खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता है । वहीं जोगिंदर सिंह सोढी ने 1984 पैरालम्पिक में रजत और कांस्य पदक जीता था । रूसी ओलंपिक समिति के सर्जेइ मालिशेव ने 196 . 8 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता ।
दाहिने हाथ में विकार के शिकार नरवाल की शुरूआत धीमी रही जब उन्होंने 7.7 और 8.3 स्कोर किया लेकिन इसके बाद वल्लभगढ के इस युवा ने शानदार वापसी की । दूसरी ओर अडाना की शुरूआत काफी अच्छी रही लेकिन बीच में वह चूक गए । फाइनल सीरिज में नरवाल ने 8 . 4 और 9.1 जबकि अडाना ने 8.5 तथा 9.4 स्कोर किया ।
इससे पहले क्वालीफाइंग दौर में अडाना 536 अंक लेकर चौथे और नरवाल 533 अंक लेकर सातवें स्थान पर थे । भारत के आकाश 27वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह नहीं बना सके ।
भारतीय निशानेबाजों ने मौजूदा खेलों में दो स्वर्ण समेत पांच पदक जीत लिये हैं । नरवाल ने यूएई में 2021 पैरा निशानेबाजी विश्व कप में पी4 में विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण और टीम वर्ग में रजत पदक जीता था । उन्होंने सिडनी पैरा निशानेबाजी विश्व चैम्पियनशिप 2019 में तीन कांस्य पदक जीते थे ।
एसएच1 वर्ग में निशानेबाज एक ही हाथ से पिस्टल पकड़ते हैं क्योंकि उनके एक हाथ या पैर में विकार होता है जो रीढ की में चोट या अंग कटने की वजह से होता है । कुछ निशानेबाज खड़े होकर तो कुछ बैठकर निशाना लगाते हैं ।