नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप ने अब मामलों की संख्या के मामले में डेल्टा स्वरूप की जगह लेना शुरू कर दिया है और संक्रमित पाये जाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से अब लगभग 80 प्रतिशत ओमीक्रोन से संक्रमित मिल रहे हैं। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को दी।
सूत्रों ने बताया कि हालांकि, सामने आने वाले मामलों में से एक तिहाई हल्के लक्षण वाले होते हैं जबकि बाकी बिना लक्षण वाले हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार को अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ओमीक्रोन के कुल 1,270 मामलों का पता चला है।
कोविड-19 जांच में काफी कमी को देखते हुए, केंद्र ने बृहस्पतिवार को 19 राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों से ‘‘व्यापक पैमाने पर’’ जांच करने का आग्रह किया था ताकि संक्रमित मामलों की तुरंत पहचान की जा सके और ओमीक्रोन स्वरूप के प्रसार को सीमित किया जा सके।
दो दिसंबर को देश में ओमीक्रोन स्वरूप के पहले दो मामलों की घोषणा किये जाने के बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय एक मिशन मोड में काम कर रहा है और संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर राज्यों का लगातार मार्गदर्शन कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नियमित रूप से देश भर में कोविड-19, ओमीक्रोन की स्थिति और स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठकें कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया विशेषज्ञ टीमों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिदिन स्थिति की समीक्षा करते हैं। वह दवाओं और वेंटिलेटर के भंडार और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर भी जानकारी लेते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का ‘वॉर रूम’ चौबीस घंटे काम कर रहा है और सभी रुझानों और बढ़ोतरी का विश्लेषण कर रहा है तथा देशव्यापी स्थिति की निगरानी कर रहा है।
मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जांच बढ़ाने, अस्पताल की तैयारियों को मजबूत करने, टीकाकरण अभियान की गति और इसका प्रसार बढ़ाने तथा जहां भी आवश्यक हो संक्रमण के प्रसार का मुकाबला करने के लिए प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करना सुनिश्चित करने की सलाह दी है।
भारत की नब्बे प्रतिशत वयस्क आबादी को कोरोना वायरस रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है और 64.40 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है।