महाराष्ट्र में फिर भड़की आरक्षण की ‘आग’! जालना में बस में लगाई आग, MSRTC ने रोकी सेवाएं


मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने मांग की कि एनडीए सरकार दो दिनों के भीतर ‘सेज सोयरे’ अध्यादेश अधिसूचना को लागू करे, ऐसा न करने पर 24 फरवरी को राज्य में नए सिरे से आंदोलन शुरू किया जाएगा।


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महाराष्ट्र Updated On :

मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर आरक्षण की आग भड़क गई है। एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि मराठा प्रदर्शनकारियों ने अंबाद तालुका के तीर्थपुरी शहर में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर राज्य परिवहन की एक बस को आग लगा दी। तीजतन, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC)ने पुलिस शिकायत दर्ज की है और अगली सूचना तक जालना में बस सेवाएं निलंबित कर दी हैं।

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार MSRTC ने कहा, ‘महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने अगली सूचना तक जालना में अपनी बसें रोक दी हैं। मराठा आंदोलनकारियों द्वारा एक बस को कथित तौर पर जलाए जाने के बाद MSRTC के अंबाद डिपो प्रबंधक द्वारा एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई है।’ बता दें कि मराठा समुदाय कई सालों से मराठा आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

महाराष्ट्र विधान सभा (निचले सदन) ने फरवरी में पेश किए गए मराठा आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। जिसका उद्देश्य मराठों को 50 प्रतिशत की सीमा से ऊपर 10 प्रतिशत आरक्षण देना था। 20 फरवरी को विधानसभा में कोटा विधेयक पारित होने के बाद भी अपनी भूख हड़ताल बंद करने से इनकार करते हुए, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने मांग की कि एनडीए सरकार दो दिनों के भीतर ‘सेज सोयरे’ अध्यादेश अधिसूचना को लागू करे, ऐसा न करने पर 24 फरवरी को राज्य में नए सिरे से आंदोलन शुरू किया जाएगा।

मनोज जारांगे जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे और केंद्र में रहे हैं, ने कहा कि समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देने वाला विधेयक उनकी मांगों को पूरा करने में कम है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता अशोक चव्हाण ने उनकी सभी मांगें पूरी होने के बाद भी आंदोलन जारी रखने की आवश्यकता पर सवाल उठाया।



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