
नीतीश सिंह
नई दिल्ली। कोरोना महामारी के दौर में तालाबंदी और कामबंदी के कारण लोग बेरोजगार हो रहे हैं। पिछले दो महीने से स्कूल, काॅलेज और कोचिंग संस्थान बंद पड़े हैं। इससे शहरों में रहने वाले प्रवासी मजदूर और छात्र अपने गांव लौटने को मजबूर हैं। इस बीच, मकान मालिक और किराएदारों के बीच झड़प को लेकर कई खबरें आई है। शनिवार को ट्विटर पर नो रूम रेंट ट्रेंड करने के दौरान लोग अगले तीन महीने का किराया माफ और कोचिंग की फीस वापस करने की मांग कर रहे हैं।
पिछले दिनों दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने में एक प्रतियोगी छात्र ने मकान मालिक पर किराए को लेकर मामला दर्ज कराया। मिली जानकारी के अनुसार, छात्र किराया भरने को लेकर कुछ दिन का मोहलत मांग रहा था। वहीं मकान मालिक का कहना था कि पूरे पैसे दो या मकान खाली करो। इस पर छात्र ने थाने में मामला दर्ज करा दिया।
मुखर्जी नगर के एक पीजी में रहने वाली प्रतियोगी छात्राओं की परेशानी कुछ और है। उन्होंने बताया, उनके मकान मालिक यूपीएससी के छात्रों को इतिहास पढ़ाते हैं और मुखर्जी नगर के फेमस टीचर हैं। उनकी लाखों रुपये की आमदनी है। इसके बावजूद पीजी बंद करने की धमकी दे रहे हैं क्योंकि पहले पीजी में 30-35 छात्राएं रहती थी, अब छह ही हैं। इस कारण वे छात्राओं को नहीं रखना चाहते।
छात्राओं ने बताया, वे पूरा किराया दे रही हैं और अब खाना भी खुद बना रही हैं। पूरे फ्लोर की सफाई भी मिलकर करती हैं। इससे पीजी मालिक का खर्च कम हुआ है। फिर भी लाॅकडाउन में पीजी खाली करने का दबाव दिया जा रहा है। छात्राओं का कहना है कि वे यहां खुद भी नहीं रहना चाहतीं, लेकिन लाॅकडाउन में कहीं शिफ्ट भी तो नहीं हो सकती। जो लड़कियां दिल्ली के आस-पास की थी, किसी तरह अपने घर लौट गईं। लेकिन बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश जाने के लिए साधन का इंतजाम भी होना चाहिए। जो सुरक्षित पहुंचा सके।
इलाहाबाद के अल्लापुर में वन डे एक्जाम की तैयारी कर रहे विशाल सिंह ने बताया कि लाॅकडाउन से पहले वह अपने गांव वापस आ गये थे, फिर भी पिछले महीने का पूरा किराया दिया था। उन्होंने बताया, इस महीने का किराया भेजा नहीं है लेकिन, मकान मालिक से आधा किराया देने की बात चल रही है। उनका कहना है कि सरकार को इस पूरे मामले में दखल देकर किराएदारों को मदद पहुंचाना चाहिए क्योंकि कोरोना महामारी कम होने का नाम नहीं ले रही है और सबको किराया देना भारी पड़ने वाला है।
ट्वीटर पर मनोज कुमार मीणा ने लिखा, इस संकट में शहरों के मकानों का किराया नहीं दे सकते, सरकार को इस पर विचार कर अगले तीन महीने का किराया फ्री करना चाहिए। वहीं राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के पदाधिकारी उपेन यादव ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि बेरोजगारों के कमरे का किराया माफ किया जाए और कोचिंग फीस वापस लौटाया जाए।
उनका कहना है कि कोरोना के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन है, राजस्थान में भी इसका अनुपालन हो रहा है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले लाखों बेरोजगार अभ्यर्थी लाॅकडाउन की वजह से घरों पर हैं। सरकार उनका किराया माफ कराए और कोचिंग फीस वापस कराए।
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— R A V I (@rsmeena420) May 16, 2020