
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ( राकांपा) ने ड्रैगन फ्रूट का नाम ‘कमलम’ करने के गुजरात सरकार के फैसले के बाद बुधवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भगवा पार्टी देश को ‘कमलस्तान’ बोलने लगेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने एक बयान में कहा कि भाजपा अब ‘‘फलों के जरिए अपनी ब्रांडिंग’’ का प्रयास कर रही है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम बदलकर ‘कमलम’ करने का फैसला किया है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तापसे ने कहा, ‘‘भाजपा फलों के नाम के जरिए अपनी ब्रांडिंग कर रही है। हमें लगता है कि वह दिन दूर नहीं जब वे हिंदुस्तान को कमलस्तान बोलना शुरू कर देंगे।
इस फल का नाम बदले जाने पर इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास वीबी ने भी बीजेपी पर कटाक्ष किया है।उन्होंने ट्वीट कर कहा, ” अतः अब यह साबित हो चुका कि ड्रैगन ही कमल है और कमल ही ड्रैगन है। ”
Hence Proved !
Dragon is Lotus
Lotus is Dragon. https://t.co/ybNmCm7Xva— Srinivas BV (@srinivasiyc) January 20, 2021
गुजरात बीजेपी के इस फैसलो को लेकर सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी ने कहा, ” मुझे विश्वास नहीं होता है कि ये इतने गंभीर हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास वास्तव में कुछ और प्राथमिकताओं की कामी है।” उन्होंने आगे ट्वीट कर कहा, अगला क्या है ? क्या आप “बनाना (केला)” का नाम भी बदल रहे हो।
HAHAHAHA, can't believe this is serious. They really have the priorities sorted.
What's next? Are you renaming Banana also? 😂 https://t.co/oUMaSjkLMo
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) January 20, 2021
दूसरे सोशल मीडिया यूजर भी सीएम विजय रूपाणी के इस फैसल पर चुटकियां ले रहे हैं और चीन और भारत के संबंधों से जोड़कर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने ‘ड्रैगन फ्रूट’ का नाम ‘कमलम’ करने को लेकर पेटेंट के लिए आवेदन किया है। कच्छ, नवसारी और सौराष्ट्र के विभिन्न भागों में इसकी पैदावार होती है। उन्होंने कहा कि फल का नाम बदलने के पीछे कोई राजनीतिक सोच नहीं है।
रूपाणी ने कहा, ‘‘ड्रैगन फ्रूट नाम ठीक नहीं है और इसके नाम के कारण लगता है कि यह चीन का फल है। इसलिए हमने इसका नाम कमलम करने का फैसला किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘किसानों का कहना है कि यह कमल के फूल की तरह दिखता है और इसी वजह से हमने इसे कमलम नाम देने का फैसला किया है।’’