ब्रिटिश शासकों, इतिहासकारों, अध्येताओं, लेखकों, लोकगीतकारों ने 10 मई 1857 को मेरठ से शुरू हुए सिपाही विद्रोह को कई नामों से अभिहित किया है। नोमन्क्लेचर की यह विविधता विद्रोह के प्रति लोगों के…
7-8 मई की मध्यरात्रि को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर सहित पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुल 9 ठिकानों पर मिसाइल हमला किया। भारत सरकार का दावा है कि उसने पाकिस्तान स्थित…
कश्मीर के बैसरन में 26 सैलानियों को बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया और कई अन्य घायल हुए। इस त्रासदी को उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह दावा किया गया…
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी त्रासदियों में एक थी द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन, जो औपनिवेशिकता-विरोधी भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के खिलाफ था। इससे ब्रिटिश उपनिवेशवादियों को इस विशाल भौगोलिक क्षेत्र पर राज करने में…
पहलगाम में आतंकियों द्वारा निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या की तस्वीरें देख कर किस इंसान का कलेजा नहीं फटेगा, किस न्यायप्रिय व्यक्ति का खून नहीं खौलेगा? शोक के साथ क्षोभ होगा। ज़िम्मेदारी तय…
जरा कल्पना कीजिए। आप घर पर बैठे हैं, पुलिस आकर आपको गिरफ्तार कर लेती है। आप पूछते हैं आपका कसूर क्या है। पुलिस आप पर एक से एक संगीन आरोप लगा देती है।…
इस 14 अप्रैल (2025) को देश ने अम्बेडकर जयंती मनाई। कई लोग इस दिन को ‘समानता दिवस‘ के रूप में मनाते हैं, जो पूरी तरह उपयुक्त है। देश भर में इस अवसर पर…
तेलंगाना में रेवन्त रेड्डी नीत कांग्रेस सरकार ने हाल ही में तेलंगाना सामाजिक, जातिगत, आर्थिक, रोज़गार और राजनीतिक सर्वेक्षण (संक्षेप में जातिगत जनगणना) का काम सम्पन्न किया है जिसका घोषित उद्देश्य तेलंगाना की…
देशभर में लाखों घरेलू कामगार हैं, लेकिन उन्हें आज तक मज़दूर का दर्जा हासिल नहीं हुआ है और न घरेलू कामगारों के लिए कोई क़ानून बना है जो उनके कार्य की स्थितियों को…
वक्फ अधिनियम को संशोधित कर दिया गया है। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किए जाने और राष्ट्रपति का अनुमोदन हासिल होने के बाद ‘यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट 2025″…
बाबासाहेब आम्बेडकर की जयंती पर यह सवाल पूछना बनता है। क्या बाबासाहेब द्वारा रचित भारत का संविधान एक भारतीय दस्तावेज है? पहली नज़र में यह सवाल अजीब और अनर्गल लग सकता है। हो सकता…
पिछले कुछ दिनों में केरल के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में सामने आयी घटनाओं ने एक बड़ा उद्देश्य पूरा किया है। उन्होंने केरल में संस्थागत वामपन्थ और उसके नेतृत्व वाली सरकार की वास्तविक वर्गीय प्रकृति…
मोदी राज में किसान की यही नियति बन गई है। एक मुसीबत से जान छूटी तो दूसरी तैयार। ऐतिहासिक किसान आंदोलन ने तीन किसान विरोधी कानूनों को हराया। इधर किसान एम.एस.पी. हासिल करने…
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल में नागपुर-स्थित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने आरएसएस के संस्थापक डॉ के।बी। हेडगेवार और द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को श्रद्धांजलि दी। इस यात्रा का खूब प्रचार हुआ और…
दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के मामले में असली खतरा यह नहीं है कि इस मामले में कुछ कार्रवाई नहीं होगी। इतने बड़े खुलासे के बाद और अब तक सुप्रीम कोर्ट…
संघ परिवार द्वारा 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद से जो सैकड़ों साल पह्लेहुआ था वह अचानक समाज में चर्चा का मुख्य विषय बन गया है। इतिहास को देखने का एक…
आज के दौर में पंजाबी भाषा देश को बचा सकती है, लेकिन तभी अगर वो ख़ुद अपनी आत्मा को बचाए। अगर पंजाबी अपनी जड़ों से जुड़ती है तो वह राष्ट्र और धर्म के…
वी-डेम इंस्टिट्यूट की भारत के संबंध में रपट, जो द हिंदू में प्रकाशित की गई है, में कहा गया है कि “यह रेखांकित करते हुए कि लोकतंत्र के लगभग सभी घटकों की स्थिति…
क्या औरंगजेब हिंदू विरोधी था? यह कहा जा सकता है कि औरंगजेब न तो अकबर जैसा था और ना ही दारा शिकोह जैसा। वह एक रूढ़िवादी व्यक्ति था और एक ओर जहां वह…
राजभाषा से हिंदी को मिला है अन्य भारतीय भाषाओं से अलगाव। अपनी समकक्ष और अपने से पुरानी और समृद्ध भाषाओं से सास जैसा व्यवहार करने की फूहड़ प्रवृत्ति। जिन भाषाओं ने हिंदी का…
सरकारें गोली चला सकती हैं। चुनावों में धांधली भी कर सकती हैं। लेकिन सरकार के फैसलों से असहमत नागरिकों के पास अपने प्राणों की बाजी लगा कर प्रतिरोध करने का रास्ता हमेशा उपलब्ध…
विश्व हिंदू परिषद ने इस स्वर्णिम अवसर का उपयोग मार्गदर्शक मंडल की बैठकों के आयोजन लिए किया। इसमें दिए गए भाषणों में मुसलमानों के खिलाफ जमकर जहर उगला गया। मुस्लिम विरोधी प्रोपेगेंडा, जो…
एक औसत दिन में पुरुष नहाने धोने तैयार होने में 74 मिनट लगाते हैं, और महिलायें उससे कम 68 मिनट। खाने पीने में भी पुरुष महिलाओं से दस मिनट फ़ालतू लेते हैं। गृहिणी…
माकपा अब लोगों के जीवन की बदतर स्थितियों को ठीक करने के लिए उन्हीं कल्याणकारी नीतियों की ओर लौटने की वकालत करती है। उनके अनुसार, लोगों की ये बदतर होती स्थितियाँ बस क्रोनी…
ओबीसी का तार्किक और धर्म से ऊपर उठकर उपवर्गीकरण किया जाना चाहिए। वर्तमान में चल रही योजनाओं और कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू किया जाना जरूरी है। हमें सकारात्मक कदम उठाने होंगे।