भाजपा-जजपा की “ठगबंधन” सरकार ने प्रदेश के लोगों को छला: कांग्रेस

naagrik news naagrik news
हरियाणा Updated On :

गुरुग्राम। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने भाजपा-जजपा पर संयुक्त रूप से प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने चुनाव में दोनों ही पार्टियों को नकार दिया। बावजूद इसके दोनों ने “ठगबंधन” कर प्रदेश की जनता के साथ छल किया।

सत्तासीन होने के बाद जन भावनाओं के विपरीत कार्य कर जनता के साथ धोखा किया। अब वह समय आ गया है जब जनता इन दोनों ही पार्टियों को सबक सिखाने को एकदम तैयार है। आज हालत ये है कि दोनों ही पार्टियों के बड़े बड़े नेता भी अपने आशियानों में कैद होकर रह गए हैं। मजबूरी में अगर सार्वजनिक कार्यक्रमों के निकल भी रहे हैं तो सौ बार सोचना पड़ रहा है। यह प्रदेश के इतिहास में पहली बार है कि जनसेवकों को कड़े पहरे के बीच कार्यक्रमों में जाना पड़ रहा है।

आज प्रदेश का मुखिया ही प्रदेश की छोड़ो, अपने विधानसभा सभा तक में जनता से सीधा संवाद नहीं कर सकता। उप मुख्यमंत्री का उनसे भी बुरा हाल है। जगह जगह जनाक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला कई कार्यक्रमों में शिरकत करने हिसार पहुंचे थे लेकिन वहां उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों का सामना करना पड़ा जिसके बाद उन्होंने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय जाने के लिए हिसार एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर में उड़ान भरी।

हिसार एयरपोर्ट से विश्वविद्यालय तक की दूरी सिर्फ़ आठ किलोमीटर है, जो कि हिसार शहर में ही है। केंद्र के कृषि क़ानूनों के विरोध में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार के नेताओं का किसानों ने सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की हुई है जिसके बाद गुरुवार को हिसार में किसानों का एक समूह चौटाला के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुआ था।

ऐसा पहली बार है कि प्रदेश में सत्ता के खिलाफ जनाक्रोश चरम पर है। इससे पहले प्रदेश के मुखिया मनोहरलाल को भी उनके गृह छेत्र में किसानों ने दाखिल नही होने दिया था। सूबे के मुखियाओं का ये हाल उनकी हठधर्मिता के चलते हो रहा है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा विश्वासघात देश के अन्नदाता के साथ किया गया है।

देश के अन्नदाता के साथ इतना बड़ा धोखा किसी ने नहीं किया। हर मोर्चे पर सरकार ने किसानों के सब्र का इम्तिहान लिया है। किसानों ने कहीं भी अपने सब्र को टूटने नहीं दिया। लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ने को कतई तैयार नहीं। अब किसानों ने सरकार से आर पार की लड़ाई का बिगुल बजा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने आगामी कार्यक्रमों का ऐलान कर दिया है।

किसान मई के पहले हफ्ते में संसद का घेराव करेंगे। 5 अप्रैल को एफसीआई के दफ्तरों का घेराव करेंगे। 10 और 11 अप्रैल को एक्सप्रेस-वे बंद करेंगे। कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे 24 घंटे के लिए बंद किया जाएगा। साथ ही 13 अप्रैल को किसान ने बैसाखी धरना स्थलों पर ही मनाने का फैसला किया है।

छह अप्रैल को किसान देश भर से मिट्टी इकट्ठा करेंगे, जिससे किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की याद में शहीद स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ पूरा देश एकजुट है। भाजपा इस मुगालते में ना रहे कि वह किसानों को सत्ता की शक्ति से झुका लेगी। किसान किसी कीमत पर झुकने वाले नहीं हैं। अब किसान सत्ता के सिंहासन को झुकाकर ही दम लेगा।