गुरुग्राम (हरियाणा)। गुरुग्राम में एक रिहायशी इमारत का एक हिस्सा ढहने के बाद शुक्रवार को मलबे से एक और शव निकाला गया जिससे इस हादसे में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर दो हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने रिहायशी इमारत चिंटेल्स पाराडाइजो के बिल्डर और ठेकेदार पर लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया है जबकि जिला प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
निवासियों ने बृहस्पतिवार रात को हुई घटना को लेकर प्रदर्शन किया जबकि पुलिस ने आवासीय परिसर के द्वार सील कर दिए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि एकता भारद्वाज (31) की गत रात मौत हो गयी जबकि सुनीता श्रीवास्तव का शव शुक्रवार को निकाला गया। घटनास्थल पर बचाव अभियान अभी चल रहा है। उन्होंने बताया कि सुनीता श्रीवास्तव के पति अरुण कुमार श्रीवास्तव को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे इमारत के मलबे में फंस गए थे।
उन्होंने बताया कि एकता भारद्वाज के पति राजेश भारद्वाज की शिकायत पर बिल्डर और निर्माण ठेकेदार पर मामला दर्ज किया गया है।
गुरुग्राम के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा, ‘‘विशेष जांच दल गठित कर दिया गया है और वह लापरवाही के आरोपों की जांच करेगा। बचाव अभियान चल रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि सेक्टर-109 में चिंटेल्स पाराडाइजो आवासीय परिसर की छठी मंजिल पर स्थित एक अपार्टमेंट का, पहले एक कमरा ढहा, जिसके बाद पहली मंजिल तक उस तरफ का हिस्सा ढहता चला गया।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दल बचाव अभियान में लगे हुए हैं। दमकल की गाड़ी को भी तैनात किया गया है।
परिसर के डी-ब्लॉक निवासी एकता भारद्वाज के पति राजेश भारद्वाज ने शिकायत दर्ज करायी है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘मुझे अपने बेटे यथार्थ भारद्वाज का फोन आया कि हमारे टावर के कुछ अपार्टमेंट्स की छत ढह गयी है। घटना में मेरी पत्नी को चोटें आयीं और शाम करीब सात बजे उसकी मौत हो गयी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना चिंटेल्स ग्रुप के एमडी अशोक सालोमान तथा ठेकेदार की लापरवाही और निचले दर्जे के निर्माण कार्य की वजह से हुई है। इसकी वजह से और भी लोगों की मौत हो सकती थी।’’
पुलिस उपायुक्त दीपक सहारन ने कहा, ‘‘प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और जांच चल रही है। कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।’’
बिल्डर और ठेकेदार पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 304ए (लापरवाही से हुई मौत) और 34 (साझा मंशा) के तहत बजघेड़ा पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है।
उपायुक्त यादव ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया था कि जब यह हादसा हुआ तो छठी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा था। उन्होंने बताया कि तीसरी से छठी मंजिल खाली थी और लोग पहली तथा दूसरी मंजिल पर रह रहे थे।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि टावर डी का जो हिस्सा गिरा है वह 2018 में बना था। परिसर में तीन अन्य टावर हैं।
आवासीय परिसर के प्रबंधन ने इस ‘‘अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण घटना’’ के लिए मरम्मत के दौरान ‘‘लापरवाही’’ को जिम्मेदार ठहराया है। उसने कहा, ‘‘प्रारंभिक जांच करने के बाद हमें मालूम हुआ कि ठेकेदार ने मरम्मत के काम में लापरवाही की थी जिससे यह घटना हुई।’’ उसने ‘‘प्रभावित परिवारों’’ के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की।
प्रबंधन ने कहा कि वह प्राधिकारियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहा है।