केंद्र सरकार किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए काम करे: सत्यपाल मलिक


मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी ढांचा देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा।



हरियाणा।  मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को कहा कि केंद्र को कृषि कानूनों के विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने और फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी ढांचा देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा।

हरियाणा के चरखी दादरी में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर उन्होंने पत्रकारों से कहा कि किसानों का आंदोलन केवल स्थगित कर दिया गया है और अगर कोई अन्याय हुआ तो ये फिर से शुरू हो जाएगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने और एमएसपी पर कानूनी ढांचा (गारंटी) देने के लिए ईमानदारी से काम करना होगा। ये सरकार की जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि लेकिन अगर सरकार को लगता है कि आंदोलन समाप्त हो गया है तो ऐसा नहीं है. इसे केवल निलंबित कर दिया गया है। अगर अन्याय हुआ है या किसानों के साथ कोई ज्यादती हुई है, तो फिर से आंदोलन शुरू हो जाएगा।

मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने इस बार सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। अंग्रेज़ी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, मलिक ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा कि जब वो इन कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे तो तब वो ‘घमंड’ में थे।

हरियाणा के दादरी में एक सामाजिक कार्यक्रम में गवर्नर मलिक ने कहा, “मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए तो उन्होंने कहा- मेरे लिए मरे हैं?”

“मैंने कहा आपके लिए ही तो मरे थे जो आप राजा बने हुए हो, मेरा झगड़ा हो गया. उन्होंने कहा – आप अब अमित शाह से मिल लो। मैं अमित शाह से मिला।”

सत्यपाल मलिक कृषि कानूनों को लेकर कई बार केंद्र सरकार की आलोचना कर चुके हैं। नवंबर में जयपुर में एक कार्यक्रम में किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा था कि जब भी वो इस मुद्दे पर बोलते हैं तो उनको आशंका होने लगती है कि दिल्ली से कुछ ही दिनों में बुलावा आ जाएगा।