जनता का विश्वास खो चुकी बगैर बहुमत बैसाखी की हरियाणा सरकार : कांग्रेस


बीजेपी ने 2015 में वादा किया कि इंवेस्टमेंट एक लाख करोड़, रोजगार 4 लाख से ज्यादा दिए जाएंगे लेकिन इंवेस्टमेंट आई 24 हजार करोड़ और रोजगार सिर्फ 32 हजार मिले। 2020 का आधा साल लॉकडाउन में गुजर गया, फिर भी घोटालों की भी लाइन लगी हुई है।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
हरियाणा Updated On :

गुरुग्राम। हरियाणा में भाजपा और जजपा की गठबंधन सरकार ने बहले ही विश्वास मत हासिल कर लिया लेकिन कांग्रेस प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर है। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव ने कहा कि भले ही विधानसभा में आज गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, लेकिन सही मायनों में यह बगैर बहुमत बैसाखी की सरकार प्रदेश की जनता में अपना विश्वास खो चुकी है।

कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ खट्टर-दुष्यंत सरकार की पोल खोल दी है। ये सरकार बहुमत की सरकार नहीं है। हरियाणा विधानसभा में जारी अविश्वास प्रस्ताव सरकार के हर विधायक के लिए धर्मसंकट था। विधायक किसके खिलाफ जाएं? सरकार के या किसान के? किसकी लाज बचाएं? मुख्यमंत्री के कुर्सी की या किसान की पगड़ी की? किसका शोक मनाएं खट्टर के आंसुओं का या 248 किसानों की शहादत का? 2019 में बीजेपी को बहुमत नहीं मिला था। दूसरी पार्टी की बैसाखियों पर ये सरकार बनी ये सरकार लोगों का पूर्ण रूप से विश्वास खो चुकी है।

राजन ने कहा कि सरकार के प्रतिनिधि गांवों और अपने हलके में भी नहीं जा सकते। दुर्भाग्यपूर्ण है कि एमएसपी की गारंटी का प्राइवेट बिल अस्वीकार कर दिया गया। कांग्रेस ने मंडी एक्ट में संशोधन कर एमएसपी से कम की खरीद पर सजा के प्रावधान की मांग की थी। हरियाणा को छोड़कर किसी भी राज्य की सरकार ने किसानों को दिल्ली जाने से नहीं रोका। हरियाणा सरकार ने सर्दी में उन पर पानी की बौछार, लाठीचार्ज, आंसू गैस और सड़क तक खुदवाई लेकिन किसानों के हौसले को तोड़ नहीं पाई।

कहा कि जेजेपी के घोषणा पत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने का कानून बनाने और फसल की खरीद पर 10 प्रतिशत और 100 रुपये बोनस देने का कानून बनाने का वादा किया गया था। बीजेपी ने 2014 में किसानों की फसल के दाम 50 प्रतिशत मुनाफे के साथ और 2019 में हर फसल की खरीद न्यूनतम समर्थऩ मूल्य पर सुनिश्च करने और दोगुना आदमनी करने की बात कही था। राजन ने सवाल किया कि कहां गया न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीद का वायदा?

दुष्यंत चौटाला ने भी हरियाणा को बेरोजगारी में पहले नंबर पर बताया था। उत्तर भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हरियाणा में है। बेरोजगारी की ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। बीजेपी ने 2015 में वादा किया कि इंवेस्टमेंट एक लाख करोड़, रोजगार 4 लाख से ज्यादा दिए जाएंगे लेकिन इंवेस्टमेंट आई 24 हजार करोड़ और रोजगार सिर्फ 32 हजार मिले। 2020 का आधा साल लॉकडाउन में गुजर गया, फिर भी धड़ल्ले से घोटाला हुआ। घोटालों की भी लाइन लगी हुई है।

उन्होंने सरकार पर गिरदावरी घोटाला, मुआवजा घोटाला, रैक्सीस दवा खरीद घोटाला, बावल भूमि अवार्ड घोटाला, सस्वती कुंज घोटाला, फसल बीमा घोटाला, भूमि अधिग्रहण घोटाला, मीटर खरीद घोटाला, अवैध माइनिंग घोटाला, गुरुग्राम मेट्रो रूट बदलाव घोटाला, रोडवेज घोटाला, आटा घोटाला, शराब घोटाला, धान घोटाला, रजिस्ट्री घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि आज सरकार का कोई नुमाइंदा अपने हलकों में ही नहीं जा सकते। अपने हलकों में जाकर दिखाओ और जनता में जाकर अपने काम गिनवाकर दिखाएं।