जजपा ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की


किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर जजपा को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष का कहना है कि जजपा को भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अलग हो जाना चहिए।


भाषा भाषा
हरियाणा Updated On :

चंडीगढ। हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च में शामिल होने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाने चाहिए।

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कई किसानों के खिलाफ अंबाला, रोहतक, पानीपत और कैथल में दंगा करने, गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने, सरकारी कर्मचारियों के काम में बांधा पहुंचाने, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने तथा आपदा मोचन कानून की विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने के आरोप में मामले दर्ज किए गए हैं।

जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ये मामले वापस लिए जाने की जरूरत है ताकि हालात खराब नहीं हों तथा किसानों एवं सरकार के बीच किसी तरह का अविश्वास नहीं पैदा हो।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री एवं राज्य के गृह मंत्री से बातचीत करेंगे और उनसे कहेंगे कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं ताकि हालात नहीं बिगड़ें और किसी तरह का अविश्वास नहीं पैदा हो।’’

चौटाला ने यह भी कहा, ‘‘ इस मुद्दे पर हमारी पार्टी का रुख साफ है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना किसानों का संवैधानिक अधिकार है।’’

उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर जजपा को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष का कहना है कि जजपा को भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से अलग हो जाना चहिए।