चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य सरकार 2025 तक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को क्रियान्वित करेगी।
उन्होंने विधानसभा में कहा कि आधार से जुड़े प्रवेश की शुरुआत के साथ सरकारी स्कूलों में नाम लिखवाने वाले बच्चों की संख्या दो लाख घट गई है क्योंकि उनका नाम निजी और सरकारी दोनों स्कूलों में दर्ज है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमानुसार, राज्य सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि एक किलोमीटर के दायरे में दो में से एक स्कूल को बंद कर दिया जाएगा।
हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों पर सरकार लगभग तीन गुणा पैसा खर्च कर रही है। एक बच्चे पर मासिक 2333 रुपये के करीब खर्च हो रहा है। सालाना 28 हजार रुपये के करीब का खर्चा एक बच्चे पर आता है। यह ताजा आंकड़ा है। वर्ष 2015-16 तक सरकारी स्कूल के एक बच्चे पर सालाना 22 हजार रुपये खर्चा हो रहा था। वहीं प्राइवेट स्कूलों में एक बच्चे पर सालाना 8 से 10 हजार रुपये खर्च होते हैं।
सरकार द्वारा 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने और 21 जिलों के डाइट सेंटरों में जेबीटी व डीएड कोर्स बंद करने के फैसले पर बृहस्पतिवार को विधानसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरा। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल इस फैसले पर आक्रामक नजर आईं।
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सरकारी स्कूलों में बच्चों पर आने वाले खर्च के आंकड़े रखते हुए दो-टूक कहा कि राज्य में जेबीटी शिक्षक सरप्लस हैं। साढ़े 3 लाख जेबीटी पास ऐसे युवा हैं, जिन्होंने अध्यापक पात्रता परीक्षा भी पास की हुई है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के बाद जेबीटी की जरूरत और भी कम होगी। गेस्ट शिक्षकों की वजह से सरकार को 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक की नीति को बदल कर 25 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक करना पड़ा।
राष्ट्रीय स्तर पर 1:30 अनुपात लागू है। सीएम ने कहा कि जेबीटी का लेकर अब कोई क्रेज नहीं है। आने वाले दिनों में जेबीटी भर्ती नहीं होने के भी स्पष्ट संकेत सीएम ने दे दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्किल डेवलपमेंट पर जोर देगी। ऐसे कोर्स शुरू होंगे, जो रोजगार के लिए अच्छे अवसर पैदा कर सकें। सीएम ने कहा कि डिमांड के हिसाब से काम करना होता है। गीता भुक्कल ने डाइट सेंटर बंद करने का मुद्दा उठाया तो सीएम ने कहा कि डाइट में जेबीटी कोर्स के दाखिले भी इसलिए नहीं किए जा रहे क्योंकि जेबीटी पहले से सरप्लस हैं।
भविष्य में अगर जरूरत हुई तो डाइट सेंटरों में सीट भी बढ़ेंगी। फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है। 1057 सरकारी स्कूलों को बंद करने पर सीएम ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हर 1 किमी. पर स्कूल की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है, उनमें 25 से भी कम विद्यार्थी हैं। इन स्कूलों के बच्चों को साथ के स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। ऐसे स्कूलों की दूरी 1 किमी से अधिक हुई तो सरकार ट्रांसपोर्ट की सुविधा देगी।