किसानों से खुद बात कर लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बचाने की बानगी पेश करे पीएम: राजन राव

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हरियाणा Updated On :

गुड़गांव। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजन राव ने कहा कि सत्ता के मद में चूर भाजपा लोकलाज और लोकतांत्रिक मर्यादाओं को पूरी तरह नकार चुकी है। देश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल और गैस के दामों के बीच करीब तीन महीने से चला आ रहा किसान आंदोलन इस बात की गवाही दे रहे हैं। तीनों ही मुद्दों पर जनता को राहत देने की बजाय प्रधानमंत्री के साथ पूरी भाजपा पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी है।

देश हित और आमजन की परेशानियों से भाजपा को कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि अभी तक किसान आंदोलन पूरी तरह लोकतांत्रिक मर्यादाओं में बंधा है। किसानों की ओर से कहीं भी अशांति और हिंसक माहौल नहीं बनाया गया। जबकि भाजपा ने आंदोलन को बदनाम और समाप्त करने के हर हथकंडे अपना लिए। उन्होंने कहा कि आंदोलन को समाप्त कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं आगे आना होगा।

अन्नदाताओं से बात क्यों नहीं करते पीएम ?
राजन ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों से सीधी वार्ता कर किसानों के हित में बिल वापसी का फैसला करें। पीएम रेडियो से मन की बात कर सकते हैं तो देश के अन्नदाता से बात करने में उन्हें क्या दिक्कत है? इससे पहले कि सरकारों में भी आंदोलन होते रहे हैं लेकिन आंदोलनरत पीड़ितों को इस तरह किसी भी प्रधानमन्त्री ने नजर अंदाज़ नहीं किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा है किसानों से वार्ता एक फोन कॉल दूर हैं तो उन्हें पहल कर किसानों को पुनः वार्ता के लिए आमंत्रित करना चाहिए। निश्चित ही इससे किसानों का आक्रोश और देश भर में मचा बवाल थम जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज तक भाजपा ने लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार-तार करने का काम किया है। अब मौका है कि भाजपा लोकतांत्रिक मर्यादाओं को बचाने की एक बानगी पेश करे। उन्होंने कहा कि संसद से सड़क तक जिस प्रकार भाजपा बिलों का बचाव कर रही है, उससे साफ जाहिर है कि बिलों को लेकर सरकार पर पूंजीपतियों का दबाव है। पूंजीपतियों के दबाव के कारण ही प्रधानमन्त्री किसानों से सीधी वार्ता नहीं कर पा रहे हैं।

राजन ने कहा कि कांग्रेस का स्टैंड किसान आंदोलन पर एकदम साफ है। कांग्रेस देश के अन्नदाता को किसी भी कीमत पर बर्बाद नहीं होने देगी। किसानों की लड़ाई में कांग्रेस पूरी तरह कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेगी। सरकार यह समझ ले कि बिल वापसी तक किसान घर वापसी नहीं करने वाला, चाहे आंदोलन कितना भी लंबा चले। कांग्रेस आंदोलन को हर प्रकार से अपना पूर्ण समर्थन देती रहेगी।