
इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले के कई अस्पतालों में फिलहाल “ब्लैक फंगस” (म्यूकर माइकोसिस) के 120 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं, लेकिन इनके इलाज में आवश्यक एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों के कथित रूप से बाजार में उपलब्ध नहीं होने के चलते तीमारदारों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
तीमारदार तौसीफ शेख ने बताया, मेरे मामा सादिक शेख ब्लैक फंगस संक्रमण के चलते एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। मैं उनके लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की तलाश में दवा बाजार में पिछले दो दिन से भटक रहा हूं, लेकिन मुझे यह इंजेक्शन कहीं नहीं मिल पा रहा है। ब्लैक फंगस संक्रमण के कारण मेरे मामा अपनी एक आंख पहले ही खो चुके हैं। हमें उनकी जान बचाने के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की सख्त जरूरत है।
इस बीच, राज्य के जल संसाधन मंत्री और इंदौर जिले में कोविड-19 की रोकथाम के प्रभारी तुलसीराम सिलावट ने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बताया है कि जिले में ब्लैक फंगस पैर पसार रहा है और कई स्थानीय अस्पतालों में इस बीमारी के 122 मरीज भर्ती हैं। कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों का इंतजाम करने के प्रयास जारी हैं।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के डीन संजय दीक्षित ने बताया, एम्फोटेरिसिन-बी के 500 इंजेक्शन भोपाल से मंगाए हैं। इन्हें हमारे महाविद्यालय से सम्बद्ध सरकारी अस्पतालों में भर्ती 59 मरीजों को लगाना शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि म्यूकरमाइकोसिस को “ब्लैक फंगस” के नाम से भी जाना जाता है।
कोरोना वायरस संक्रमण से उबर रहे और स्वस्थ हो चुके मरीजों में यह बीमारी मिल रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,39,185 मरीज मिले हैं। इनमें से1,269 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।