कोरोना वायरस के साये में माघ मेला शुरू, मकर संक्रांति पर 4.5 लाख लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी


मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सुबह स्नानार्थियों की भीड़ बहुत कम थी, लेकिन धूप निकलने के साथ ही मेले में लोगों का आगमन बढ़ा और शाम छह बजे तक अनुमानित 4.5 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया।


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उत्तर प्रदेश Updated On :

प्रयागराज। मकर संक्रांति स्नान के साथ ही गंगा और यमुना के तट पर माघ मेला बृहस्पतिवार से प्रारंभ हो गया। हालांकि कोविड-19 की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा ऐहतिहाती उपाय करने और कोरोना वायरस को लेकर लोगों में भय होने से मेले में भीड़ उम्मीद से बहुत कम रही।

मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि सुबह स्नानार्थियों की भीड़ बहुत कम थी, लेकिन धूप निकलने के साथ ही मेले में लोगों का आगमन बढ़ा और शाम छह बजे तक अनुमानित 4.5 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया।

उन्होंने बताया कि भीड़ कम रहने के बावजूद पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि इस बार का मेला सादगीपूर्ण ही रहने की उम्मीद है।

मेला क्षेत्र में त्रिवेणी मार्ग पर शिविर लगाए स्वामी अधोक्षजानंद महाराज ने कहा कि इस बार का मेला कल्पवासियों के लिए लगाया गया है जिससे उनका 12 वर्ष का कल्पवास का संकल्प ना टूटे। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना वायरस के कारण लोगों में थोड़ा भय है, इसके बावजूद साधु-संत कोरोना वायरस महामारी को दूर भगाने के लिए अनुष्ठान करने यहां आए हैं।

दंडी बाड़ा क्षेत्र में हर साल शिविर लगाने वाले पेड़ा बाबा ने कहा कि सरकार ने कल्पवासियों की सुविधा का ख्याल रखा है जिसके लिए माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभिनंदन के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि मुख्यमंत्री स्वयं संन्यासी हैं, इसलिए वे कल्पवास का महत्व बखूबी समझते हैं और कोरोना वायरस काल के बावजूद उन्होंने मेला लगाने की अनुमति दी।

संगम स्नान करने फतेहपुर जिले से आए राम लाल ने कहा कि गंगा मइया की कृपा से ही उनका परिवार कोरोना वायरस से बचा रहा, इसलिए गंगा स्नान में उनकी विशेष आस्था है।

हरिद्धार में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य की पूजा की

देश के विभिन्न स्थानों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने बृहस्पतिवार को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मोक्षदायिनी गंगा में डुबकी लगाकर भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया तथा मंदिरों में पूजा-अर्चना करके दान पुण्य किया।

हरिद्वार में तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर हर-हर गंगे के जयघोष के साथ उमड़ पड़ी। उत्तराखंड के अलावा देश के विभिन्न राज्यों जैसे हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्य देते हुए दान-पुण्य किया।

मकर संक्रांति पर उमड़ी भीड़ से लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे व्यपारियों के भी चेहरे खिल उठे। सुबह चार बजे शुरू हुआ श्रद्धालुओं के स्नान का क्रम देर शाम तक जारी रहा।

गंगा स्नान के लिए हरकी पौड़ी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और इस दौरान मेला पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल सहित वरिष्ठ अधिकारी लगातार पूरे मेला क्षेत्र पर नज़र बनाए रहे।

जिला पुलिस के साथ-साथ मेला पुलिस को तैनात करके आगामी कुम्भ की दृष्टि से मेले के अधिकारी पुलिस बल को व्यवहारिक प्रशिक्षण देने में सफल रहे।

हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि मेला क्षेत्र में कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। उन्होंने बताया कि जिन यात्रियों ने मास्क नही लगाया था, उनका चालान करके मास्क भी दिये गए।

वहीं ऋषिकेश में भी मकर संक्रांति के पर्व पर सुबह चार बजे से शाम तक 40000 के लगभग श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में स्नान किया ।

ऋषिकेश पुलिस के प्रभारी निरीक्षक रितेश कुमार शाह ने बताया कि ऋषिकेश के 1200 मीटर लम्बे त्रिवेणीघाट पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान-पुण्य भी किया।

उन्होंने बताया कि इस अवसर पर पर्वतीय क्षेत्र से आई देवडोलियों को भी स्नान कराया गया। उन्होंने बताया कि पूरा स्नान सकुशल संपन्न हुआ।