राजधानी कालेज में लैंगिक असमानता पर दो दिवसीय कार्यक्रम


राजधानी महविद्यालय ने पहले भी महिलाओं के साथ-साथ ट्रांसजेंडर और अन्य लैंगिक अल्पसंख्यक समुदायो के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं , और भविष्य में भी करता रहेगा। उन्होंने इस कार्यक्रम के अयोजन के लिए WDC प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ० सुरुचि गौतम व टीम WDC को बधाई दी।


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दिल्ली Updated On :

नई दिल्ली। राजधानी महाविद्यालय के वीमेन डेवलपमेंट सेल (WDC) के दो -दिवसीय वार्षिकोत्सव ‘एस्टेरिया 23’ का सुन्दर आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि प्रोफेसर के. रत्नाबाली, डीन अकादमिक एक्टिविटीज एंड प्रोजेक्ट्स, व प्रोफेसर नीना पाण्डेय, स्कूल ऑफ़ सोशल वर्क, सम्मानित अतिथि के रूप मे उपस्थित रहे। कॉलेज में महिलाओं से सम्बंधित मुद्दों पर समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों का समायोजन होता रहा है| इस सत्र मे ‘वीमेन एंड हाइजीन ‘, ‘बेनिफिट्स ऑफ़ ब्रैस्ट फीडिंग’, ‘जेंडर सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप’, ‘वीमेन इन डेटा साइंस’, ‘सेल्फ डिफेन्स वर्कशॉप’, ‘प्रोब्लेम्स फेसड बाई ट्रांसजेंडर्स’ आदि विषयों पर खुल के बातचीत व वर्कशॉप्स आयोजित किये गए।

WDC के दो-दिवसीय वार्षिकोत्सव ‘एस्टेरिया’ के प्रथम दिन के प्रथम सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर राजेश गिरी ने लैंगिक असमानता को दूर करने के क्षेत्र में महाविद्यालय और इसके विभिन इकाइयों द्वारा किए गए प्रयासों पर बात करते हुए बताया कि किस प्रकार राजधानी महविद्यालय ने पहले भी महिलाओं के साथ-साथ ट्रांसजेंडर और अन्य लैंगिक अल्पसंख्यक समुदायो के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किये हैं , और भविष्य में भी करता रहेगा। उन्होंने इस कार्यक्रम के अयोजन के लिए WDC प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ० सुरुचि गौतम व टीम WDC को बधाई दी।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर रत्नाबाली ने अपने प्रभावपूर्ण वक्तव्य में लड़कियों और महिलाओं से मज़बूत बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें पुरुषों के तरह बनने की नहीं, बल्कि अपने अंदर पौरुष जगाने की जरूरत है। अपने जीवन में साहसी निर्णय ले सकने कि हिम्मत जगाने कि ज़रूरत है। यही उन्हें शक्तिशाली बनाएगा। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पुरुषों से अपील की, कि वो अपने अंदर के नरीतव्य को जगाए ताकि कोमलता, दया जैसे भावों से ये संसार सुंदर हो जाए। उनका संवाद छात्र छात्राओं पर गहरा असर छोड़ गया।

सम्मानित अतिथि प्रोफेसर नीना पांडे ने उनके द्वारा तिहाड़ जेल के कैदीयों के साथ किये प्रोजेक्ट्स व अन्य सोशल वर्क प्रोजेक्ट्स के बारे में सभा को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आज यह जरूरी हो गया है कि महिलाएं नारित्व को पुरुषत्व से कम मानने वाली मानसिकता पर सवाल उठाए । उन्होंने अपने वक्तव्य में विनम्रता और शालीनता को नारीत्व की पहचान बताया और अपील की, कि महिलाएं अपने नारित्व को स्वीकार करें और समानता की मांग करें । उनका वक्तव्य सभी पर गहरी छाप छोड़ गया।

टेड्क्स वक्ता और पूर्व आर्मी अफसर कैप्टन ऋतु कुमार ने अत्यंत प्रभाशाली ढंग से एक नारी के रूप में अपने संघर्षों को बताया और भारत के रक्षा विभाग में एक नारी के रूप में कार्य करने का अपना अनुभव सबके साथ साझा किया।
इसके पश्चात मेंस्ट्रुअल हाइजीन के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था तितली फाउंडेशन ने मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर अपने जागरूकता अभियान के बारे में बताया और इससे जुड़ी बातों से वहां मौजूद दर्शकों को परिचित करवाया।

कार्यक्रम को नृत्य व संगीत से सजाने के लिए गणेश वंदना व मनमोहक समूह नृत्य प्रस्तुत किया गया। WDC के सदस्य व प्राध्यापक डॉ० सत्यप्रकाश ने कार्यक्रम का समापन संबोधन देते हुए सभी अतिथियों, प्रतिभागियों, आयोजकों, और श्रोतागणों को कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया। इस प्रकार वूमेन डेवलपमेंट सेल, राजधानी महाविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिकोत्सव ‘एस्टेरिया 23’ का सफलतापूर्वक आयोजन सम्पन्न हुआ।