आंदोलन को कमजोर करने की साजिश है क्लाइमेट एक्टिविस्ट की गिरफ्तारी: कांग्रेस


सरकार को तत्काल बिना शर्त दिशा रवि को रिहा करना चाहिए। आज के युवा पर्यावरणविद यह भली भांति समझते है कि वर्तमान खेती नीतियां न सिर्फ किसानों के लिए शोषणकारी है बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायी है।


Ritesh Mishra Ritesh Mishra
हरियाणा Updated On :

गुरुग्राम। टूलकिट मामले में गिरफ्तार युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट (पर्यावरण कार्यकर्ता) रवि दिशा की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर इसकी आड़ में किसान आंदोलन को ख़त्म करने की साजिश का आरोप लगाया है और कहा है कि भाजपा एक गहरी साजिश के तहत निकिता जैकब को भी परेशान कर रही है।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष, कुमारी सैलजा के राजनैतिक सचिव व दक्षिण हरियाणा के प्रभारी राजन राव कहते हैं कि किसान आंदोलन के समर्थन में उतरे पर्यावरणविद् दिशा रवि की गिरफ्तारी और निकिता जैकब को परेशान करने का मकसद आंदोलन को कमजोर करने की नाकाम साजिश है।आंदोलन को कमजोर करने के लिए सरकार पुलिस की शक्ति का दुरूपयोग कर रही है।

वे कहते है कि युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की जितनी निंदा की जाए कम है। सरकार को तत्काल बिना शर्त दिशा रवि को रिहा करना चाहिए। आज के युवा पर्यावरणविद यह भली भांति समझते है कि वर्तमान खेती नीतियां न सिर्फ किसानों के लिए शोषणकारी है बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायी है। तेजी से बड़े निगमों द्वारा अनुचित व्यापार की वजह से और जलवायु परिवर्तन से जटिल होने के कारण खेती जोखिम में पड़ी है।

कांग्रेस नेता राजन का कहना है कि केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानून न सिर्फ एमएसपी के लिए एक बड़ा खतरा है बल्कि इसके बजाय खुले बाजारों के सहारे खेती को ज्यादा जोखिम भरा बनाते हैं। ऐसी स्थिति में, किसानों द्वारा सततपोषणीय कृषि प्रथाओं को अपनाने की संभावना कम है। यह व्यवहार्यता और स्थिरता के बीच अंतर-संबंध है जिसे दिशा रवि जैसे कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में विस्तार में समझा है।

दूसरी ओर, सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग किसानों को धान और गेहूं के मोनोक्रॉपिंग से विविधता लाने में मदद करेगी। मिट्टी के क्षरण, वायु प्रदूषण और अन्य स्वास्थ्य समस्या के स्थायी समाधान के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। यह खेती के साथ साथ शहरी नागरिकों के हक में भी होगा। इसलिए यह बहुत ही आश्चर्यजनक नहीं है कि पर्यावरण कार्यकर्ता चल रहे किसानों के आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं। कहा कि 18 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के पूरे भारत में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल रोको कार्यक्रम में सभी देशवासी अपना योगदान दें।