सरकार पर दबाव बनाने के लिए सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे पाकिस्तान के सांसद


पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने मंगलवार रात को घोषणा की कि संसद से इस्तीफा देने पर सर्वसम्मति बनी है। रहमान ने कहा, ‘‘सभी सांसद 31 दिसंबर तक अपने पार्टी प्रमुखों को इस्तीफे सौंप देंगे।’’


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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में 11 विपक्षी दलों के गठबंधन ने घोषणा की है कि उसके सांसद सरकार को पंगु बनाने और देश के प्रधानमंत्री इमरान खान को शीघ्र मध्यावधि चुनाव कराने के लिए मजबूर करने को इस महीने के अंत में सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। इस घोषणा के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट और गहरा हो गया है।

प्रधानमंत्री खान की सरकार को अपदस्थ करने के लिए इस साल सितंबर में बने 11 विपक्षी दलों के संगठन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने इस्लामाबाद में लंबी चली एक बैठक के बाद यह फैसला किया।

पीडीएम प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने मंगलवार रात को घोषणा की कि संसद से इस्तीफा देने पर सर्वसम्मति बनी है। रहमान ने कहा, ‘‘सभी सांसद 31 दिसंबर तक अपने पार्टी प्रमुखों को इस्तीफे सौंप देंगे।’’

इस दौरान पीएमएल-एन नेता मरियम नवाज और पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी भी उनके साथ थे।

रहमान ने 2018 में चुनाव संपन्न होने के बाद कथित फर्जीवाड़े के कारण विपक्षी दलों से संसद सदस्य के दौर पर शपथ नहीं लेने की अपील की थी, लेकिन खासकर पीपीपी और पीएमएल-एन ने इस विचार को खारिज कर दिया था।

ऐसा माना जा रहा है कि सामूहिक रूप से इस्तीफा देना ही सरकार को झुकाने और मध्यावधि चुनाव के मजबूर करने का एकमात्र तरीका है।

नेताओं ने सरकार को ताकत दिखाने के लिए 13 दिसंबर को लाहौर में रैली करने पर भी सहमति जताई। गुजरांवाला, कराची, क्वेटा, पेशावर और मुल्तान के बाद यह इस प्रकार की छठी रैली होगी। सरकार की ओर से तमाम बाधाएं पैदा करने के बावजूद विपक्षी दलों की रैलियों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया था।

प्रधानमंत्री खान ने इस्तीफा देने या मध्यावधि चुनाव कराने की मांग खारिज कर दी है। उनका कहना है कि विपक्ष अपने नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच रोकने के लिए दबाव बनाने की खातिर विरोध कर रहा है।